हड्डी के विकास के लिए काचाभ उपास्थि (Hyaline cartilage) अथवा तन्तुमय कला (fibrous membrane) सही वातावरण उपलब्ध कराती है।
2.
अंर्तउपास्थिय अस्थिभवन (intracartilaginous ossification)-यदि अस्थि ऊतक काचाभ उपास्थि से विकसित होता है, तो इस प्रकिया को अंर्तउपास्थि अस्थिभवन कहा जाता है।
3.
दोनों ओर के अधिवर्ध काचाभ उपास्थि (hyaline cartilage) से ढके होते है, जो बाद में सन्धायक उपास्थि (articular cartilage) बन जाते है।
4.
तन्तुमय कला में विकसित होने वाली हड्डी कला अस्थि (हड्डी) (membrane bone) तथा काचाभ उपास्थि में विकसित होने वाली हड्डी उपास्थि अस्थि (हड्डी) (cartilage bone) कहलाती है।
5.
इसके ऊपरी सिरे पर एक गोलाकार शीर्ष (head) होता है, जो काचाभ उपास्थि (hyaline cartilage) से ढका रहता है और स्कैपुला (स्कंध फलक) की ग्लीनॉइड गुहा (Glenoid fossa) में फिट होकर कन्धे का जोड़ (shoulder joint) बनाता है।